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जो बन संवर के वो एक माहरू <ref> चान्द जैसे चेहरा वाला</ref>निकलता है
तो हर ज़बान से बस अल्लाह हू <ref> हे भगवान</ref>निकलता है
 
ये चाँद रात ही दीदार का वसीला है
बरोजे ईद ही वो खूबरू निकलता है
हलाल रिज्क का मतलब किसान से पूछो
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