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* [[हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े-महशर हिसाब देना / 'अना' क़ासमी]] * [[बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं/'अना' क़ासमी]]* [[वो अभी पूरा नहीं था हाँ मगर अच्छा लगा /'अना' क़ासमी]]
* [[कभी हाँ कुछ, मेरे भी शेर पैकर में रहते हैं / 'अना' क़ासमी]]
* [[माने जो कोई बात, तो इक बात बहुत है / 'अना' क़ासमी]]