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पत्थर और सीमेंट / रवि प्रकाश

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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार =रवि प्रकाश}}{{KKCatKavita‎}}<poem>
इन पेड़ों को ,
मैं ,मेरी पहचान और मेरी सभ्यता
विस्थापित हो रही है !</poem>
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