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''''''पद्मश्री डॉ. गोपालदास 'नीरज'''''''
*अकेला की ग़ज़ल वो लहर है जो ग़ज़ल के समुन्दर में नयी हलचल पैदा करेगी ।]]
'''''' डॉ.बशीर बद्र''''''
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