भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

चित्राधार / जयशंकर प्रसाद

31 bytes added, 18:05, 20 सितम्बर 2007
 
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=जयशंकर प्रसाद}}
 
कानन-कुसुम -
पुन्य औ पाप न जान्यो जात।