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Kavita Kosh से
मैं वो रोनेवाला जहाँ से चला हूँ
जिसे अब्र <sup>1</sup> हर साल रोता रहेगा
मुझे काम रोने से हरदम है नासिहनासेह<sup>2</sup>
तू कब तक मेरे मुँह को धोता रहेगा
बसे गिरिया गिरया<sup>3</sup> आंखें तेरी क्या नहीं हैं
जहाँ को कहाँ तक डुबोता रहेगा
मेरे दिल ने वो नाला पैदा किया है
जरस <sup>4</sup> के भी जो होश खोता रहेगा
बस ऐ 'मीर' मिज्ह्गां मिज़गां<sup>5</sup> से पोंछ आंसुओं को
तू कब तक ये मोती पिरोता रहेगा
1- असीमित
2- नसीहत देने वाला
3- रुदन,विलाप
4- घड़ियाल
5- भीगी पलकें