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कभी कभी / साहिर लुधियानवी

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|रचनाकार=साहिर लुधियानवी
}}
[[Category:नज़्म]]{{KKCatNazm}}<poem>कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल कि ज़िन्दगी तेरी ज़ुल्फ़ों की नर्म छाँव में ख़याल आता गुज़रने पाती तो शादाब हो भी सकती थी ये तीरगी जो मेरी ज़ीस्त का मुक़द्दर है<br><br> तेरी नज़र की शुआओं में खो भी सकती थी
कि ज़िन्दगी तेरी ज़ुल्फ़ों अजब न था के मैं बेगाना-ए-अलम रह कर तेरे जमाल की नर्म छाँव रानाईयों में <br>खो रहता गुज़रने पाती तो शादाब हो भी सकती थी <br>तेरा गुदाज़ बदन तेरी नीमबाज़ आँखें ये तीरगी जो मेरी ज़ीस्त का मुक़द्दर है <br>तेरी नज़र की शुआओं इन्हीं हसीन फ़सानों में खो भी सकती थी <br><br>महव हो रहता
अजब न था के मैं बेगाना-ए-अलम रह कर <br>पुकारतीं मुझे जब तल्ख़ियाँ ज़माने की तेरे जमाल की रानाईयों में खो रहता <br>लबों से हलावट के घूँट पी लेता तेरा गुदाज़ बदन तेरी नीमबाज़ आँखें <br>हयात चीखती फिरती बरहना-सर, और मैं इन्हीं हसीन फ़सानों घनेरी ज़ुल्फ़ों के साये में महव हो रहता <br><br>छुप के जी लेता
पुकारतीं मुझे जब तल्ख़ियाँ ज़माने की <br>मगर ये हो न सका और अब ये आलम है तेरे लबों से हलावट के घूँट पी लेता <br>हयात चीखती फिरती बरहना-सरतू नहीं, और मैं <br>तेरा ग़म, तेरी जुस्तजू भी नहीं घनेरी ज़ुल्फ़ों गुज़र रही है कुछ इस तरह ज़िन्दगी जैसे इसे किसी के साये में छुप के जी लेता <br><br>सहारे की आरज़ू भी नहीं
मगर ये हो न सका और अब ये आलम है <br>ज़माने भर के तू नहीं, तेरा ग़म, तेरी जुस्तजू भी नहीं <br>दुखों को लगा चुका हूँ गले गुज़र रही है रहा हूँ कुछ इस तरह ज़िन्दगी जैसे <br>अनजानी रह्गुज़ारों से महीब साये मेरी सम्त बढ़ते आते हैं इसे किसी हयात-ओ-मौत के सहारे की आरज़ू भी नहीं <br><br>पुरहौल ख़ारज़ारों से
ज़माने भर के दुखों को लगा चुका हूँ गले <br>न कोई जादह-ए-मंज़िल न रौशनी का सुराग़ गुज़र रहा हूँ कुछ अनजानी रह्गुज़ारों से <br> महीब साये भटक रही है ख़लाओं में ज़िन्दगी मेरी सम्त बढ़ते आते हैं <br> हयात-ओ-मौत के पुरहौल ख़ारज़ारों से <br><br>इन्हीं ख़लाओं में रह जाऊँगा कभी खोकर मैं जानता हूँ मेरी हमनफ़स मगर फिर भी
न कोई जादह-ए-मंज़िल न रौशनी का सुराग़ <br>भटक रही है ख़लाओं में ज़िन्दगी मेरी <br>इन्हीं ख़लाओं में रह जाऊँगा कभी खोकर <br>मैं जानता हूँ मेरी हमनफ़स मगर फिर भी <br><br> कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है <br><br/poem>
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