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सदस्य:Dr. ashok shukla

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दिनांक[[6 जनवरी]], [[2011]] को पहली बार [http://www.kavitakosh.org कविताकोश ] से सदस्य की हैसियत से जुड़ा। इन कविता-संग्रहो के अतिरिक्त कविवर [[नरोत्तमदास / परिचय]] ,उत्तराखंड के हिमवंत कवि [[चन्द्रकुंवर बर्त्वाल / परिचय]] , [[शीलेन्द्र कुमार सिंह चौहान / परिचय]] ,[[तुलसीदास / परिचय]] ,[[श्रीनारायण चतुर्वेदी / परिचय]] ,[[वृन्दावनलाल वर्मा / परिचय]], [[श्रीरंग / परिचय]], [[रेखा चमोली / परिचय ]], [[श्रद्धा जैन / परिचय]] ,अतिरिक्त [http://www.gadyakosh.org गद्यकोश ]में [[श्रीलाल शुक्ल / परिचय]] ,[[राजी सेठ / परिचय]] ,[[अमृता प्रीतम / परिचय]] ,के मुख्य तथा जीवन /परिचय के पन्ने एवं [http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B8%E0%A4%A6%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%AF:Dr._ashok_shukla विकीपीडिया ] पर भी आप मेरा योगदान देख सकते हैं। अब आप मेरी रचनाये [http://www.kavitakosh.org कविताकोश ] , [http://www.sahityashilpi.com साहित्यशिल्पी ] , [http://fresh-cartoons.blogspot.com कोलाहल से दूर ] ,तथा [http://www.kavitakosh.org कविताकोश ] पर सीधे इस लिंक के माध्यम से पढ सकते हैं [http://www.kavitakosh.org/ashokshukla कविताकोश पर अशोक कुमार शुक्ला की कवितायें ]
<poem>
'''आदरणीय श्री [[अनिल जनविजय]] जी की सद्प्रेरणा से तथा श्री [[ललित कुमार]] जी के सहयोग से [[16 सितम्बर]] .[[2011]] को इस कोश से जुडने के 250वे दिन मैं इसमें [[2000]] पन्ने जोडने वाला योगदानकर्ता बन सका हूँ । आज इस कोश में [[पचास हजार से अधिक पन्ने]] पूरे हो चुके हैं और फेसबुक पर कविताकोश के पन्द्रह हजार से भी ज्यादा प्रशंसक हैं।
निःसंदेह यह सब इसके महान योगदान कर्ताओं की मेहनत का ही परिणाम है ।'''
अपने इस सफर के दौरान मैने देखा कि [http://www.kavitakosh.org कविताकोश ] के योगदानकर्ताओं में कुछ बड़े नाम हैं जिन्होंने इस कोश में हजारों और सैकड़ों की संख्या में पन्नों को जोडा है तो बहुत से छोटे नाम भी हैं जिन्होंने अपना योगदान इकाई और दहाई के अंकों तक सीमित रखा है। परन्तु इन सभी योगदानकर्ताओं में एक बात उभयनिष्ट है, और वह है हिन्दी कविता और साहित्य के प्रति गहरा लगाव। इनमें से अधिकतर लोग स्वयं भी अपने मनोभावों को कविता के माघ्यम से व्यक्त करते रहते हैं। कुछ एक की रचनाएैं कविताकोश में सम्मिलित भी हैं परन्तु छोटे योगदानकर्ताओं मे बड़ी मात्रा में ऐसे सदस्य भी हैं जो लिखते तो हैं परन्तु उन्हे कविताकोश में स्थान नहीं मिल सका है।
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