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मुक्तक / कुमार विश्वास

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झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर,
तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है. ||2||
कतरा कतरा सागर तक तो ,जाती है हर उमर मगर ,
बहता दरिया वापस मोड़े , उसका नाम मोहब्बत है . ||3||
गिरेबां चक करने से तो चाक करना क्या है , सीना और मुश्किल है,
हर एक पल मुश्कुराकर अश्क पीना और मुश्किल है