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/* || पाणी || */
== || पाणी || ==
 
नी मिनख रो मोळ, मोळ मिनख री बाणी है,
नी चेहरे रो कोई मोळ, मोळ बस चेहरे रो पाणी है,
मत कर ऊँची बात बात नी कोई आणीजाणी है,
मत मार धुड में लठ, वक्त बस वक्त वक्त री काणी है,
मत माया रो कर मोळ, है छाया एक दिन ढळ ज्याणी है,
ज्यू नी बादळ रो मोळ, मोळ बस बादळ रो पाणी है,
उंच नीच रा भाव बात बस मिनखां री नादाणी है,
ज्यू नी आंख्या रो मोळ अगर जै नी आंख्या मे पाणी है,
नी धरती पर रुंख जीव नी जै नी धरती पर पाणी है,
पाणी है सब खेळ जीव रो नी जीवण बिन पाणी है,
वाणी में मिठास,विष, और वाणी इज्जत रो पाणी है,
काया जळ होणी राख, राख बस पाणी में मिल ज्याणी है,
नी मिनख रो मोळ, मोळ मिनख री बाणी है,
नी चेहरे रो कोई मोळ, मोळ बस चेहरे रो पाणी है,
रचना : महावीर जोशी, पूलासर (सरदारशहर)