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|रचनाकार = साहिर लुधियानवी|संग्रह=परछाईयाँ (संग्रह) / साहिर लुधियानवी
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मेरे ख्वाबों के झरोकों को सजाने वाली<br>
तेरे दामन में गुलिस्ता भी है, वीराने भी<br>
मेरा हासिल मेरी तक़दीर बता दे मुझको
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