भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
फैज अहमद फैज ने बहुत पहले कहा था कि वे क्रान्ति के ढिढो़रची की बजाय ‘क्रांति के गायक’ हैं।
'''ब्लाग[http://singhsdm.blogspot.in/2011/08/blog-post.html नजरिया ]से साभार'''