भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKRachna
|रचनाकार=शिरीष कुमार मौर्य
|संग्रह=पहला क़दम / शिरीष कुमार मौर्य
}}
<poem>
उसमें बैलों की ताकत है और लोहे का पैनापन <br>