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१- हँसी ठिठोली<br>{{KKGlobal}}चितचोर की होली<br>{{KKRachna|रचनाकार=रमा द्विवेदी|संग्रह=}}{{KKCatHaiku}} राधा लजाई ।<br><brpoem>
२१- गुलाबी ठंड़<br>हँसी ठिठोलीरंगों चितचोर की बरसात<br>होलीअंगिया भीगी राधा लजाई ।<br><br>
३२- प्रेम का रंग<br>गुलाबी ठंड़राधा कान्हा मगन<br>रंगों की बरसातचूनर लाल अंगिया भीगी ।<br><br>
४३- उगती धूप<br>प्रेम का रंगगुनगुनाती धरा <br>राधा कान्हा मगनआया वसंत चूनर लाल ।<br><br>
५४- अमवा डाल<br>उगती धूपकूकती कोयलिया<br>गुनगुनाती धरा प्रिय की प्यास आया वसंत ।<br><br>
६५- मन उदास<br>अमवा डालप्रियतम विदेश<br>कूकती कोयलियागरजे मेघ प्रिय की प्यास ।<br><br>
७६- जिया धड़के<br>मन उदासघन-घन बरसे<br>प्रियतम विदेशपलकें बंद।<br><br>गरजे मेघ ।
८७- प्यार की प्यास<br>जिया धड़केदहकता पलाश<br>घन-घन बरसेबसंत साथ ।<br><br>पलकें बंद।
९८- महुआ फूला<br>प्यार की प्यासमादक रस- गंध<br>दहकता पलाशॠतु प्यार की।<br><br>बसंत साथ ।
९- महुआ फूलामादक रस- गंधॠतु प्यार की। १०- बदरा घिरे<br>अंग-अंग महका<br>मोर चहका। <br><br/poem>
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