भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सोन-मछली / अज्ञेय

16 bytes added, 16:43, 18 मई 2012
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatHaiku}}
<poem>
हम निहारते रूपरूप काँच के पीछे
हाँप रही है, मछली ।
Mover, Reupload, Uploader
7,916
edits