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चंद्रसेन विराट / परिचय

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== ग़ज़ल संकलन ==
हिंदी ग़ज़ल को उर्दू भाषियों द्वारा नकारने की चुनौती का सामना उर्दू ग़ज़ल के रचना विधान पर खरी हिंदी गज़लें रचकर विराट जी ने इस तरह दिया कि हिंदी ग़ज़ल को स्वीकारे जाने के सिवाय अन्य राह ही शेष न रही. *तेरह गीत संग्रहों (मेंहदी रची हथेली, ओ मेरे अनाम, स्वर के सोपान, किरण के कशीदे, मिट्टी मेरे देश की, पीले चाँवल द्वार पर, दर्द कैसे चुप रहे, भीतर की नागफनी, पलकों में आकाश, बूँद-बूँद पारा, सन्नाटे की चीख, गाओ कि जिए जीवन, सरगम के सिलसिले), *११ ग़ज़ल संग्रहों (निर्वसना चाँदनी, आस्था के अमलतास, कचनार की टहनी, धार के विपरीत, परिवर्तन की आह्ट, लडाई लंबी है, न्याय कर मेरे समय, फागुन माँगे भुजपाश, इस सदी का आदमी, हमने कठिन समय देख अहै, खुले तीसरी आँख), , *२ दोहा संग्रहों ( चुटकी-चुटकी चाँदनी, अँजुरी-अँजुरी धूप), *५ मुक्तक संग्रहों (कुछ पलाश कुछ पाटल, कुछ छाया कुछ धूप, कुछ सपने कुछ सच, कुछ अंगारे कुछ फुहारें, कुछ मिशी कुछ नीम) तथा *७ काव्य कृतियों (गीत-गंध, हिंदी के मनमोहक गीत, हिंदी के सर्वश्रेष्ठ मुक्तक, टेसू के फूल, कजरारे बादल, धूप के संगमरमर, चाँदनी चाँदनी) के संपादन से अपने सृजन आकाश को सजा चुके विराट की ग़ज़ल संकलनों का गहन अध्ययन कर *डॉ. [[मधु खराटे ]] ने चुनिन्दा १६१ गज़लों का यह गुलदस्ता प्रस्तुत किया है.
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