भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
टुकड़े-टुकड़े बाँट लिये हैं,
इन टुकड़ों को जोड़ के मैया
सुथरा हिन्दुस्तानबना हिन्दुस्तान बना दे .
गीत मेरा बन जाये कन्हाई,
फिर मुझको रसखान बना दे .
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,137
edits