'''[[{{KKRachnakaarParichay|रचनाकार=तसलीमा नसरीन]]''' }}{{KKJeevani|रचनाकार=तसलीमा नसरीन|चित्र=Tasleema_-_Copy.jpg }}
==स्त्री के स्वाभिमान और अधिकारों के लिए जीवन संघर्ष ==
[[तसलीमा नसरीन]] (बांग्ला:তসলিমা নাসরিন) एक बांग्लादेशी लेखिका हैं जो नारीवाद से संबंधित विषयों पर अपनी प्रगतिशील विचारों के लिये चर्चित और विवादित रही हैं। बांग्लादेश में उनपर जारी फ़तवे की वजह से आजकल वे कोलकाता में निर्वासन की ज़िंदगी बिता रही हैं। हालांकि कोलकाता में विरोध के बाद उन्हें कुछ समय के लिये दिल्ली और उसके बाद फिर स्वीडन में भी समय बिताना पड़ा है लेकिन इसके बाद जनवरी २०१० में वे भारत लौट आईं। उन्होंने भारत में स्थाई नागरिकता के लिये आवेदन किया है लेकिन भारत सरकार की ओर से उस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
स्त्री के स्वाभिमान और अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए [[तसलीमा नसरीन]] ने बहुत कुछ खोया। अपना भरापूरा परिवार, दाम्पत्य, नौकरी सब दांव पर लगा दिया। उसकी पराकाष्ठा थी देश निकाला।