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उनका स्वप्न कभी तो मिट्टी से जन्म लेकर मिट्टी की ओर उड़ता है और कभी आकाश में जन्म लेकर मिट्टी की ओर आता है. इसे मैं शुभ लक्षण मानता हूँ.
भाषा उनकी उर्दू-मिश्रित और सरल है. किन्तु, मैं आशा करता हूँ की वह अभी और निखर कर शक्ति और सुंदरता प्राप्त करेगी. शुभमस्तु!”
 
'दिनकर'
पटना
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