भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

साँचा:KKPoemOfTheWeek

939 bytes removed, 08:14, 7 नवम्बर 2012
<tr><td rowspan=2>[[चित्र:Lotus-48x48.png|middle]]</td>
<td rowspan=2>
<div style="font-size:15px; font-weight:bold">आज करवा चौथलोहे का स्वाद</div><div style="font-size:15px;"> कवि:[[जयकृष्ण राय तुषारधूमिल| जयकृष्ण राय तुषारधूमिल]] </div>
</td>
</tr>
</table><pre style="text-align:left;overflow:auto;height:21em;background:transparent; border:none; font-size:14px">
आज करवा चौथशब्द किस तरहका दिन हैकविता बनते हैंआज हम तुमको सँवारेंगे ।इसे देखोदेख लेनाअक्षरों के बीच गिरे हुएतुम गगन का चाँदआदमी को पढ़ोमगर हम तुमको निहारेंगे क्या तुमने सुना कि यहलोहे की आवाज़ है यामिट्टी में गिरे हुए ख़ूनका रंग
पहनकरकाँजीवरम लोहे का सिल्कस्वादहाथ में मेंहदी रचा लेना,लोहार से मत पूछोअप्सराओं कीघोड़े से पूछोतरह ये रूपआज फ़ुरसत जिसके मुँह में सजा लेना,धूल मेंलिपटे हुए ये पाँवआज नदियों में पखारेंगे । हम तुम्हारासाथ देंगे उम्रभरहमें भी मझधार में मत छोड़ना,आज चलनी मेंकनखियों देखनाऔर फिर ये व्रत अनोखा तोड़ना,लगाम है भलेपूजा तुम्हारी येआरती हम भी उतारेंगे । ये सुहागिनऔरतों का व्रतनिर्जला, पति की उमर की कामनाथाल पूजा कीसजा कर कर रहींपार्वती शिव की सघन आराधना,आज इनकेपुण्य के फल सेहम मृत्यु से भी नहीं हारेंगे
</pre></center></div>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,720
edits