भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अल्लामा इक़बाल
}}
{{KKCatGhazalKKCatGhazal}}
<poem>
आम मशरिक़ के मुसलमानों का दिल मगरिब में जा अटका है