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{{KKRachna
|रचनाकार=अहमद नदीम काज़मी
|संग्रह=
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
रेत से बुत न बना मेरे अच्छे फ़नकार<BR>
एक लम्हे को ठहर मैं तुझे पत्थर ला दूंदूँ<BR>मैं तेरे सामने अम्बार लगा दूं दूँ लेकिन<BR>
कौन से रंग का पत्थर तेरे काम आएगा<BR>
सुर्ख़ पत्थर जिसे दिल कहती है बेदिल दुनिया<BR>