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Kavita Kosh से
हरे तन मन प्रीति पावन,
मधुर हो मुख मनोभावनमनभावन,
सहज चितवन पर तरंगित
हो तुम्हारी किरण तरुणा
समुद्धत मन सदा हो स्थिर,
पार कर जीवन निरंतर
रहे बहती भक्ति वरूणा वरूणा।
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