भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKPrasiddhRachna}}
अक्सर लोग इसे [[राम प्रसाद बिस्मिल]] जी की रचना बताते हैं लेकिन वास्तव में ये अज़ीमाबाद (अब पटना) के मशहूर शायर बिस्मिल अज़ीमाबादी की हैं और रामप्रसाद बिस्मिल ने उनका शे'र फांसी के फंदे पर झूलने के समय कहा था। चूँकि अधिकाँश लोग इसे राम प्रसाद बिस्मिल की रचना मानते है इसलिए इस रचना को बिस्मिल के पन्ने पर भी रखा गया है। -- [[कविता कोश टीम]]
{{KKCatGeet}}
<poem>
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,131
edits