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Kavita Kosh से
अरे वो अपना भइया
दशरथ मांझी माँझी था ना
जिसने सचमुच
मुसीबत का पहाड़ हटा ड़ालाडाला
क्यों न उसकी हिम्मत के नाम
पहाड़ जैसा सीना की जगह
दशरथ मांझी माँझी जैसा सीना क्यों न कर दें?
चने को छोटा समझ
हम हमेशा कहते है
अकेला चना भाड़ नही फोड़ सकता
पर अकेले अम्बेडकर ऩे ने तो
अपने दम पर
पूरी सनातनी भाड़ में सेंध लगा