भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
|संग्रह=कल्पलता / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
}}
{{KKLambiRachnaKKLambiRachana}}
<poem>
पादप के पत्ते हैं प्रताप के पताके हरे,