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Kavita Kosh से
|रचनाकार=रति सक्सेना
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एक आँसू
उसके लिए
जो अपना ना बन सका
एक आँसू <br>उसके लिए <br>जो अपना ना बन सका<br><br>बनने कादिखावा करने वाले के लिए
एक आँसू <br>अपना बनने का<br>अपने आप से दिखावा करने वाले दोस्ती करवाने बाले के लिए<br><br>
खत्म हो गया
</poem>