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{{KKRachna
|रचनाकार= जॉन एलिया
}}<poem>{{KKVID|v=CjnCvAnEnLo}}[[Category:ग़ज़ल]]{{KKCatGhazal}}<poem>
उसके पहलू से लग के चलते हैं
हम कहाँ टालने से टलते हैं