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{{KKRachnaKKParichay|रचनाकारचित्र=|नाम=बच्चू पाण्डेय|उपनाम=|जन्म=|जन्मस्थान=|मृत्यु=|कृतियाँ=|विविध=|जीवनी=[[बच्चू पाण्डेय / परिचय]]|अंग्रेज़ीनाम=Bachchoo Pandey
}}
{{KKCatGhazalKKCatBhojpuriRachnakaar}}{{KKCatBhojpuriRachna}}<poem>====ग़ज़ल====* [[ओठ पर अब कहाँ दुआ बाटे,शब्द के दर्द के धुआँ बाटे।डेग कहँवा धरीं, बड़ा मुश्किल,हर तरफ बस कुँआ-कुँआ बाटे।भीड़ में बात के वजन का बा,शोर खाली हुआँ-हुआँ बाटे।एक पनघट हजार बा गगरी,हमरा लोटा के ना ठुआ बाटे।कबहूँ डगरा में, सूप में कबहूँ,जिनगी उरिया रहल भुआ बाटे।जिनगी पेवन भरल मइल लुगरी,आस तागा, करम सुआ बाटे।कहँवा, केकरा भरोस पर जाईं,हर पड़ाव पर जमल जुआ बाटे।</poem>बच्चू पाण्डेय]]