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|जन्मस्थान=आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
|मृत्यु=20 सितंबर 1810
|कृतियाँ=ज़िक्र-ए-मीर (आत्मकथा), कुल्लीयते-मीर (उर्दु रचनाओं के छह दीवानों का संग्रह), कुल्लीयते-फ़ारसी (फ़ारसी रचनाओं का संग्रह), फ़ैज़-ए-मीर (पाँच कहानियों का संग्रह), नुकत-उस-शूरा (फ़ारसी ज़बान में लिखी तत्कालीन उर्दु रचनाकारों की जीवनियाँ)|विविध=--उर्दु के महानतम शायरों में से एक। उर्दु भाषा स्वरूप को संवारने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। मूल नाम मोहम्मद तक़ी। "शायरी के ख़ुदा" के तौर पर मीर को याद किया जाता है।|अंग्रेज़ीनाम=Meer Taqi Meer, Mir, Urdu, Rekhta, Shayarजीते-जी कूचा-ए-दिलार से जाया न गया , GhazalShayar
|जीवनी=[[मीर तक़ी 'मीर' / परिचय]]
|shorturl=meer
* [[गुल ब बुलबुल बहार में देखा / मीर तक़ी 'मीर']]
* [[अए हम-सफ़र न आब्ले / मीर तक़ी 'मीर']]