भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आपंणौ रंग / पूर्ण शर्मा पूरण

1 byte added, 06:55, 16 अक्टूबर 2013
पगड़ी बांधां ठाडी ठाडी
सगळा रंग कुंणसै रंग मांय
आऔ आऔ बूझां आडी।</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader, प्रबंधक
35,132
edits