भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेन्द्र मिश्र |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=महेन्द्र मिश्र
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatGhazal}}
{{KKCatBhojpuriRachna}}
<poem> सुना था हमने मुनियों से इहाँ पर राम का आना।
हमोर देश के किस्मत में देखा क्या बदल जाना।

चरण को धो लिया हमने हुए अब भाग्य का भाजन,
सिहाते देवता नभ में भुले सभ जोग जप ज्ञाना।

बहुत दिन की मंजूरी थी हुई है भरपूरी।
करूँ ना गैर की सेवा धरूँ अब आप का ध्याना।

महेन्दर भक्ति कर दीजे शरण में अपनी राख लीजे
न लेंगे हम भी उतराई हमें भव पार कर देना।
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
2,357
edits