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हिज्जे
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विजय का पर्व ! <br>
जीवन संग्राम की काली घड़ियों में<br>
क्षणिक पराजय के छोटे-छोट क्षण<br>
अमावस के अभेद्य अंधकार का—<br>
पूर्णिमा का स्मरण कर<br>
थर्रा उठता है।<br><br>
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