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‘मीना बाजार’ के पास एक ‘छोटा रमना’ बाजार यहीं
है ‘‘ऐनुल्लाह साह’’ के घोड़े! थम-थम कर मूतो
यह वह भूमि जहाँ से गोरों ने गोलियााँ गोलियां चलाई थीं
आजादी पर मर-मिटने की हमने कसमें खाई थीं
सीना तान गोलियाँ झेलीं, हँस-हँस कर कुर्बान हुए