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{{KKShayar}}
* [[आके पत्थर तो मेरे सहन में दो-चार गिरे / शकेब जलाली]]
* [[जाती है धूप उजले परों को समेट के / शकेब जलाली]]
* [[वहाँ की रोशनियों ने भी ज़ुल्म ढाए बहुत / शकेब जलाली]]
* [[हमजिंस अगर मिले न कोई आसमान पर / शकेब जलाली]]
* [[तूने कहा न था कि मैं कश्ती पे बोझ हूँ / शकेब जलाली]] </sort>