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मेरा कुछ सामान / गुलज़ार

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}}
(1)<br>जब भी यह दिल उदास होता है<br>जाने कौन आस-पास होता है <br><br>
होंठ चुपचाप बोलते हों जब<br>सांस कुछ तेज़-तेज़ चलती हो<br>आंखें जब दे रही हों आवाज़ें<br>ठंडी आहों में सांस जलती हो <br><br>
आँख में तैरती हैं तसवीरें<br>तेरा चेहरा तेरा ख़याल लिए<br>आईना देखता है जब मुझको<br>एक मासूम सा सवाल लिए <br><br>
कोई वादा नहीं किया लेकिन<br>क्यों तेरा इंतजार रहता है<br>बेवजह जब क़रार मिल जाए<br>दिल बड़ा बेकरार रहता है <br><br>
जब भी यह दिल उदास होता है<br>जाने कौन आस-पास होता है--------(2)हाल-चाल ठीक-ठाक हैसब कुछ ठीक-ठाक हैबी.ए. किया है, एम.ए. कियालगता है वह भी ऐंवे कियाकाम नहीं है वरना यहाँआपकी दुआ से सब ठीक-ठाक है <br>
आबो-हवा देश की बहुत साफ़ है
क़ायदा है, क़ानून है, इंसाफ़ है
अल्लाह-मियाँ जाने कोई जिए या मरे
आदमी को खून-वून सब माफ़ है
और क्या कहूं?(2)<br>छोटीहाल-मोटी चोरीचाल ठीक-ठाक है<br>सब कुछ ठीक-ठाक है<br>बी.ए. किया है, रिश्वतखोरीएम.ए. किया<br>लगता है वह भी ऐंवे किया<br>देती काम नहीं है अपा गुजारा वरना यहाँ<br>आपकी दुआ से बाक़ी सब ठीक-ठाक है <br><br>
गोलआबो-मोल रोटी का पहिया चलाहवा देश की बहुत साफ़ है<br>पीछेक़ायदा है, क़ानून है, इंसाफ़ है<br>अल्लाह-पीछे चाँदी का रुपैया चलामियाँ जाने कोई जिए या मरे<br>रोटी आदमी को बेचारी को चील ले गईचाँदी ले के मुँह काला कौवा चला खून-वून सब माफ़ है <br><br>
और क्या कहूं?<br>मौत का तमाशाछोटी-मोटी चोरी, चला है बेतहाशारिश्वतखोरी<br>जीने की फुरसत नहीं देती है अपा गुजारा यहाँ<br>आपकी दुआ से बाक़ी ठीक-ठाक हैहाल-चाल ठीक-ठाक है---------. <br><br>
(3)गोल-मोल रोटी का पहिया चला<br>पीछे-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ईपीछे चाँदी का रुपैया चला<br>मास्टर जी की आ रोटी को बेचारी को चील ले गई चिट्ठीचिट्ठी में से निकली बिल्लीबिल्ली खाए जर्दा-पान<br>चाँदी ले के मुँह काला चश्मा पीले कानकान में झुमका, नाक में बत्तीहाथ में जलती अगरबत्तीअगर हो बत्ती कछुआ छापआग में बैठा पानी तापताप चढ़े तो कम्बल तानवी.आई.पी. अंडरवियर-बनियान कौवा चला <br><br>
अ-आऔर क्या कहूं?<br>मौत का तमाशा, इ-ई, अ-आ, इ-ईचला है बेतहाशा<br>मास्टर जी जीने की आ गई चिट्ठीफुरसत नहीं है यहाँ<br>चिट्ठी में आपकी दुआ से निकला मच्छरमच्छर की दो लंबी मूँछेंमूँछ पे बाँधे दोबाक़ी ठीक-दो पत्थरपत्थर पे इक आम का झाड़पूंछ पे लेके चले पहाड़पहाड़ पे बैठा बूढ़ा जोगीजोगी की इक जोगन होगीठाक है<br>हाल- गठरी में लागा चोरमुसाफिर देख चाँद की ओर चाल ठीक-ठाक है<br><br>
पहाड़ पै बैठा बूढ़ा जोगी
जोगी की एक जोगन होगी
जोगन कूटे कच्चा धान
वी.आई.पी. अंडरवियर बनियान
(3)<br>अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकली बिल्ली<br>बिल्ली खाए जर्दा-पान<br>काला चश्मा पीले कान<br>कान में झुमका, नाक में बत्ती<br>हाथ में जलती अगरबत्ती<br>अगर हो बत्ती कछुआ छाप<br>आग में बैठा पानी ताप<br>ताप चढ़े तो कम्बल तान<br>वी.आई.पी. अंडरवियर-बनियान <br><br> अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकला मच्छर<br>मच्छर की दो लंबी मूँछें<br>मूँछ पे बाँधे दो-दो पत्थर<br>पत्थर पे इक आम का झाड़<br>पूंछ पे लेके चले पहाड़<br>पहाड़ पे बैठा बूढ़ा जोगी<br>जोगी की इक जोगन होगी<br>- गठरी में लागा चोर<br>मुसाफिर देख चाँद की ओर <br><br> पहाड़ पै बैठा बूढ़ा जोगी<br>जोगी की एक जोगन होगी<br>जोगन कूटे कच्चा धान<br>वी.आई.पी. अंडरवियर बनियान <br><br> अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकला चीता<br>थोड़ा काला थोड़ा पीला<br>चीता निकला है शर्मीला<br>घूँघट डालके चलता है<br>मांग में सेंदुर भरता है<br>माथे रोज लगाए बिंदी<br>इंगलिश बोले मतलब हिंदी<br>‘इफ’ अगर ‘इज’ है, ‘बट’ पर<br>‘व्हॉट’ माने क्या<br>इंगलिश में अलजेब्रा छान<br>
वी.आई.पी. अंडरवियर-बनियान