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(1)<br>जब भी यह दिल उदास होता है<br>जाने कौन आस-पास होता है <br><br>
होंठ चुपचाप बोलते हों जब<br>सांस कुछ तेज़-तेज़ चलती हो<br>आंखें जब दे रही हों आवाज़ें<br>ठंडी आहों में सांस जलती हो <br><br>
आँख में तैरती हैं तसवीरें<br>तेरा चेहरा तेरा ख़याल लिए<br>आईना देखता है जब मुझको<br>एक मासूम सा सवाल लिए <br><br>
कोई वादा नहीं किया लेकिन<br>क्यों तेरा इंतजार रहता है<br>बेवजह जब क़रार मिल जाए<br>दिल बड़ा बेकरार रहता है <br><br>
जब भी यह दिल उदास होता है<br>जाने कौन आस-पास होता है--------(2)हाल-चाल ठीक-ठाक हैसब कुछ ठीक-ठाक हैबी.ए. किया है, एम.ए. कियालगता है वह भी ऐंवे कियाकाम नहीं है वरना यहाँआपकी दुआ से सब ठीक-ठाक है <br>
और क्या कहूं?<br>मौत का तमाशाछोटी-मोटी चोरी, चला है बेतहाशारिश्वतखोरी<br>जीने की फुरसत नहीं देती है अपा गुजारा यहाँ<br>आपकी दुआ से बाक़ी ठीक-ठाक हैहाल-चाल ठीक-ठाक है---------. <br><br>
(3)<br>अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकली बिल्ली<br>बिल्ली खाए जर्दा-पान<br>काला चश्मा पीले कान<br>कान में झुमका, नाक में बत्ती<br>हाथ में जलती अगरबत्ती<br>अगर हो बत्ती कछुआ छाप<br>आग में बैठा पानी ताप<br>ताप चढ़े तो कम्बल तान<br>वी.आई.पी. अंडरवियर-बनियान <br><br> अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकला मच्छर<br>मच्छर की दो लंबी मूँछें<br>मूँछ पे बाँधे दो-दो पत्थर<br>पत्थर पे इक आम का झाड़<br>पूंछ पे लेके चले पहाड़<br>पहाड़ पे बैठा बूढ़ा जोगी<br>जोगी की इक जोगन होगी<br>- गठरी में लागा चोर<br>मुसाफिर देख चाँद की ओर <br><br> पहाड़ पै बैठा बूढ़ा जोगी<br>जोगी की एक जोगन होगी<br>जोगन कूटे कच्चा धान<br>वी.आई.पी. अंडरवियर बनियान <br><br> अ-आ, इ-ई, अ-आ, इ-ई<br>मास्टर जी की आ गई चिट्ठी<br>चिट्ठी में से निकला चीता<br>थोड़ा काला थोड़ा पीला<br>चीता निकला है शर्मीला<br>घूँघट डालके चलता है<br>मांग में सेंदुर भरता है<br>माथे रोज लगाए बिंदी<br>इंगलिश बोले मतलब हिंदी<br>‘इफ’ अगर ‘इज’ है, ‘बट’ पर<br>‘व्हॉट’ माने क्या<br>इंगलिश में अलजेब्रा छान<br>
वी.आई.पी. अंडरवियर-बनियान