भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अनुभव / ज़्यून तकामी

44 bytes removed, 19:32, 28 नवम्बर 2007
दर्पण में झाँका
और बगीचे के हरेपन को सोचा कि देखूंगा
देखने की कोशिश कीहरापन बाँस का
दर्पण में दिखाई दिया मुझे
नीला प्रतिबिम्ब आसमान आकाश का ।
अनुभव का यह प्रहार ।
 
दर्द से सिर
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,708
edits