भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
हाथी सा बलवान,
::जहाजी हाथों वालाऔर वाला और हुआ !सूरज-सा इंसानइन्सान,
::तरेरी आँखोंवाला और हुआ !!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
माता रही विचारःविचार,
::अँधेरा हरनेवाला और हुआ !
दादा रहे निहारःनिहार,
::सबेरा करनेवाला और हुआ !!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ !
जनता रही पुकारःपुकार,
::सलामत लानेवाला और हुआ !
सुन ले री सरकार!