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{{KKBhajanKKRachna|रचनाकार=अज्ञात|अनुवादक=|संग्रह=
}}
{{KKCatBhajan}}<poem>आराध्य श्रीराम त्रिकुटी में .
प्रियतम सीताराम हृदय में ..
श्री राम जय राम जय जय राम .