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हेला मारै सांवरै नैं
कै कदैई तो गवाड़ी संभाळ
श्वद्दद्मद्भस् श्चद्धद्भ ह्वस् :[द्मद्मत्रम्हारै चीर नै रूखाळ
छेवट भाखा हूँ जूनी
पछै कींकर रैवूं सूनी
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