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<Poem>प्रेम-
दिवलां कै ओळी-दोळी
तीतर्यां की फरक्यां
व्हां तांई
ज्यां तांई
संदी बळ’र न्हं हो जावै
भसम।</Poem>
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<Poem>प्रेम-
दिवलां कै ओळी-दोळी
तीतर्यां की फरक्यां
व्हां तांई
ज्यां तांई
संदी बळ’र न्हं हो जावै
भसम।</Poem>