भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कृष्णदास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatPad}} ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कृष्णदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
<poem>
(मंगला समय)

आज कछु देखियत ओर ही बानक प्यारी तिलक आधे मोती मरगजी मंग।
रसिक कुंवर संग अखारे जागी सजनी अधर्सुख निस बजावत उपंग॥१॥
नव निकुंज रंग मंडप में नृत्य भूमि साजि सेज सुरंग।
तापर विविध कल कूजित सखी सुनत श्रवन वन थकित कुरंग॥२॥
कृष्णदास प्रभु नटवर नागर रचत नयन रतिपति व्रत भंग।
मोहनलाल गोवर्धनधारी मोहि मिलन चलि नृत्य अनंग॥३॥
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
1,983
edits