भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सूरदास |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatPad}} {{KKAn...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सूरदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
{{KKAnthologyKrushn}}
<poem>
पालनैं गोपाल झुलावैं ।
सुर मुनि देव कोटि तैंतीसौ कौतुक अंबर छावैं ॥१॥
जाकौ अन्त न ब्रह्मा जाने, सिव सनकादि न पावैं ।
सो अब देखो नन्द जसोदा, हरषि हरषि हलरावैं ॥२॥
हुलसत हँसत करत किलकारी मन अभिलाष बढावैं ।
सूर श्याम भक्तन हित कारन नाना भेष बनावै ॥३॥
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=सूरदास
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatPad}}
{{KKAnthologyKrushn}}
<poem>
पालनैं गोपाल झुलावैं ।
सुर मुनि देव कोटि तैंतीसौ कौतुक अंबर छावैं ॥१॥
जाकौ अन्त न ब्रह्मा जाने, सिव सनकादि न पावैं ।
सो अब देखो नन्द जसोदा, हरषि हरषि हलरावैं ॥२॥
हुलसत हँसत करत किलकारी मन अभिलाष बढावैं ।
सूर श्याम भक्तन हित कारन नाना भेष बनावै ॥३॥
</poem>