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/* ग़ज़लें */
* [[सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे / राहत इन्दौरी]]
* [[हवा खुद अब के हवा के खिलाफ है, जानी / राहत इन्दौरी]]
* [[पेहेन जो मंसबो के पुजारी पहन के आते हैं / राहत इन्दौरी]]
* [[उँगलियाँ यूँ न सब पर उठाया करो / राहत इन्दौरी]]
* [[धूप बहुत है मौसम जल-थल भेजो ना/ राहत इन्दौरी]]