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6.नारी–महिमा

17 bytes added, 03:08, 15 जून 2014
[[Category:सेदोका]]
<poem>
'''नारी महिमा
पीकर विष–प्याला
सौंप देती अमृत
उसका पथ
सदा ॠत–सात्विक
त्याग, क्षमा आवृत्त ! '''
'''समर्पण : देश की उन बहादुर बेटियों को जो आज निरन्तर संग्रामरत हैं और ‘भावी’ निर्माण हेतु सन्नद्ध! '''
-0-
पे्रम नहीं स्वीकार।
6
 
सबने छोड़ा
दुर्भाग्य थामे हाथ
नारी है स्वाभिमानी।
-0-
'''(प्रभाग दो वर्तमान )'''
1
कल या आज