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|रचनाकार=कालीदासकालिदास
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|संग्रह=कुमारसम्भवम् / कालीदासकालिदास
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आससाद सुनासीरं सदसि त्रिदशैः सह।
एष त्रैयम्बकं तीव्रं वहन्वह्निमंहन्महः॥१॥