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|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
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<poem>मालिन सूतय सात पुत्र धए घर
माली सुतय फुलवारी हे
उठबय गेलथिन अपने दुलरूआ
उठू मालिन भए गेल परात हे
कौने उचित तोरा थिकह हे बाबू
भल निन्द देलह जगाय हे
हमरो घर मालिन हमरो विवाह थिक
माला सुन्दर एक गूथि दैह हे
तेहन माला गूथिहैं गे मालिन
जाइते होयत विवाह हे
आंगने देखतइ माय बहिनियाँ
बाटे देखत बरिआत हे
सासुर देखत सासु सोहागिन
कोबरे होयत आनन्द हे
</poem>
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