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एक लकडिय़ा चन्दन की। देवकी-नन्दनकी जय, यशोदा-नन्दनकी जय। जै बोलो जसुदानन्दन की॥एक लकडिय़ा आम की। असुर-निकन्दनकी जय जय जय॥-१॥ जै बोलो श्रीघनश्याम की॥एक लकडिय़ा बोर की। जै बोलो नन्द-किशोर की॥एक लकडिय़ा नीम की। छैयाकी जय नाग-नथैयाकी जय। जै बोलो रूप असीम की॥माखन-चुरैयाकी जय जय जय॥-२॥
एक लकडिय़ा कीकर की। दा‌ऊ-भैयाकी जय, रास-रचैयाकी जय। जै बोलो श्रीमुरलीधर की॥नृत्य-करैयाकी जय जय जय॥-३॥एक लकडिय़ा साल की। जै बोलो जसुमतिमुरलीधारीकी जय, ब्रज-लाल की॥विहारीकी जय।एक लकडिय़ा पीपल की। जै बोलो नेत्र कमलकृष्ण-दल की॥एक लकडिय़ा सेमर की। जै बोलो श्रीराधावर की॥मुरारीकी जय जय जय॥-४॥
एक लकडिय़ा पाकर की। गोपी-वल्लभकी जय, राधा-वल्लभकी जय। जै बोलो प्रेमरूक्मिणी-सुधाकर की॥वल्लभकी जय जय जय॥-५॥एक लकडिय़ा तूत की। जै बोलो जसुदाविश्व-पूत की॥पावनकी जय, भक्त-भावनकी जय।एक लकडिय़ा बाँस की। जै बोलो प्रेमसर्व-निवास की॥एक लकडिय़ा कटहल की। जै बोलो नाशक अघभुलावनकी जय जय जय॥-दल की॥६॥
एक लकडिय़ा जामुन की। जै बोलो मुनिगीता-मनगायककी जय, लोक-हर-गुन की॥नायककी जय।एक लकडिय़ा ताल की। जै बोलो रसिक रसाल की॥एक लकडिय़ा श्रीफल की। जै बोलो नित्य सुमंगल की॥एक लकडिया वर वट की। जै बोलो श्रीनागरसर्वसुखदायककी जय जय जय॥-नट की॥७॥अखिलेश्वरकी जय, लोकमहेश्वरकी जय।लकड़ी एक बकायन की। जै बोलो प्रेम-रसायन की॥लकड़ी एक मदार की। जै बोलो परम उदार की॥लकड़ी एक अनार की। जै बोलो गोप-कुमार की॥लकड़ी एक प्रियाल की। जै बोलो नँद के लाल की॥ लकड़ी एक पलास की। जै बोलो जगन्निवास की॥लकड़ी एक खजूर की। जै बोलो रस-भरपूर की॥लकड़ी एक बदाम की। जै बोलो रूप ललाम की॥लकड़ी एक बबूल की। जै बोलो जग के मूल की॥ लकड़ी एक सुपारी की। जै बोलो बिपिन-बिहारी की॥लकड़ी एक अँजीर की। भक्तजनेश्वरकी जय बोलो प्रेमजय जय॥-‌अधीर की॥८॥
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