भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अजेय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> +10...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अजेय
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
+10'c
मेरे बगल में स्टेट लाइब्रेरी खामोश खडी है
साफ सुथरी, मेरी सफेद कॉलर जैसी
मेरी मनपसंद जगह !
वहां भीतर ठंडक होगी क्या?
तापमान बर्दाश्त से बाहर हो गया है.
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=अजेय
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
+10'c
मेरे बगल में स्टेट लाइब्रेरी खामोश खडी है
साफ सुथरी, मेरी सफेद कॉलर जैसी
मेरी मनपसंद जगह !
वहां भीतर ठंडक होगी क्या?
तापमान बर्दाश्त से बाहर हो गया है.
</poem>