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रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 5

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|रचनाकार=रामधारी सिंह 'दिनकर'
|संग्रह= रश्मिरथी / रामधारी सिंह 'दिनकर'
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भगवान सभा को छोड़ चले, करके रण गर्जन घोर चले
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